• बाजार में किसानों को लूटा जा रहा, गेहूं की दर बढ़ाए सरकार : हरेंद्र सिंह मलिक

    उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने राज्य सरकार से गेहूं की खरीद दर बढ़ाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि उपभोक्ताओं को सस्ता आटा और किसानों को बेहतर मूल्य मिले

    मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने राज्य सरकार से गेहूं की खरीद दर बढ़ाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि उपभोक्ताओं को सस्ता आटा और किसानों को बेहतर मूल्य मिले।

    सपा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने मंगलवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "गेहूं का सीजन आता है तो इसे हर बार खरीदा जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने रेट थोड़ा बढ़ाया, यह अच्छी बात है, लेकिन इनके चुनावी घोषणा पत्र में कहा गया था कि हम लागत मूल्य का डेढ़ गुना किसान को देंगे, जो अभी भी पूरा नहीं होता है। अगर आप बाजार में जाएंगे तो पता चलेगा कि किसानों को लूटा जा रहा है। किसानों के इनपुट की कीमतों में इजाफा हुआ है। फसल का लागत मूल्य, पेस्टिसाइड, फर्टिलाइजर और बीज के दामों में बढ़ोतरी हुई है। सरकार को चाहिए कि उपभोक्ता को भी सस्ता आटा मिले और किसानों को बेहतर मूल्य मिले।"

    हरेंद्र सिंह मलिक ने मंदिर के सोने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने वाले सवाल पर कहा, "इस बात से कोई लाभ मिलने वाला नहीं है, इस तरह के बयान उनकी मंशा को उजागर करते हैं। हालांकि, बिल गलत था, इसलिए ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजा गया। बिल आएगा तो देखते हैं कि क्या सुधार होता है और क्या नहीं। जहां तक मंदिर के सोने की बात है तो मौलाना को इस पर बोलने का कोई मतलब नहीं है। लोग अपने बच्चों की तालीम की तरफ देखें और युवाओं के रोजगार की बात करें।"

    इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान किसानों की स्थिति पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "उत्तर प्रदेश के किसानों की हालत 2017 से पहले बेहद खराब थी, लेकिन अब किसान आत्महत्या नहीं कर रहा, बल्कि अपनी उपज का डेढ़ गुना मूल्य पा रहा है। धान की खेती में किसानों को प्रति क्विंटल 2,300 रुपये मिल रहे हैं, जबकि लागत 1,100 रुपये आती है। इसी तरह गेहूं पर भी सरकार किसानों को दोगुना मूल्य दे रही है। गन्ना किसानों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान मिल रहा है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य बन चुका है और इथेनॉल उत्पादन में भी शीर्ष स्थान पर है। सरकार ने दलहन और तिलहन के लिए भी विशेष योजनाएं शुरू की हैं, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि हो रही है।"

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